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Bhagirath Parihar

Children

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Bhagirath Parihar

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बादल

बादल

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हे जलधर वारिधर बलाधर 

तुम कौन दिशा से आते 

फिर जाते कौन दिशा में

समुन्दर से जलभर आते हैं

हवाएं ले जाती है जिन दिशाओं में

चले जाते हैं


मानसून रुख करता बंगाल तो बंगाल

फिर उत्तर और मध्य भारत

हवाएं ही हमें ट्रांसपोर्ट करती है एक जगह से दूसरी जगह 

घूम घूम कर बरसते हैं सबका मन भिगो देते हैं 

काली घटा घडघडाती है बिजली चमकने के बाद

क्यों होता है ऐसा ?


आवाज को हम तक पहुँचने के लिए मीडियम चाहिए  

जबकि विद्युत् बिना मीडियम हम तक पहुँच जाती है

इसलिए आवाज कुछ क्षणों के बाद सुनाई देती है 

हवा में प्रवाहित विद्युतधारा

पैदा करती है बहुत अधिक गर्मी

जिससे यह तेजी से फैलती है और

इसके लाखों करोड़ों अणु आपस में टकराते हैं


इस टकराहट से गरज की आवाज उत्पन्न होती है

धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादलों के टकराने से

अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है।

और रोशनी की तेज चमक पैदा होती है।  

‘मेघदूत’ में कालिदास ने मेघों का खुबसूरत वर्णन किया है

मेघ के जरिये ही विरही यक्ष का सन्देश उसकी प्रियतमा तक पहुँचाया था 


कवि ही नहीं संगीतकार भी मेघ मल्हार गाकर

बुलाते हैं वर्षा, और बरस जाते हैं मेघ।


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