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VichitrA SehrawaT

Children Stories Classics Children

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VichitrA SehrawaT

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दीवारों पर

दीवारों पर

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दीवारों पर अब वो टेढ़ी लाइनें नहीं दिखतीं

बिस्तर की चादर में उड़ता सुपरमैन नहीं है । 

जूते भी करीने से रखे हैं

अब लॉन में गमलों का विकेट नहीं है । 


पड़ोसन की कोई शिकायत नहीं आती

दादी भी अब सताई नहीं जाती।

न रिमोट की अब लड़ाई होती है।

न मैथ टेस्ट की कोई कॉपी खोती है। 


बस गर्मी की धूप में सूखता अचार नहीं दिखता

और इतवार की शाम ये घर बात नहीं करता ।


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