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VichitrA SehrawaT

Abstract

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VichitrA SehrawaT

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लुटेरा है

लुटेरा है

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लुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है,

लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है !


बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की

लड़ो मिलकर दरिंदो से, ये हिन्दोस्तान सबका हैं !


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