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Divyanshi Triguna

Children Stories

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Divyanshi Triguna

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Summer

Summer

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पहले थी गर्मी कुछ ऐसी, जिसमें था घूमना फिरना

अब गर्मी कुछ ऐसी हैं, जिसमें बस घर में ही रहना

पहले था गर्मी का मतलब, बस नानी के घर को रवाना

अब गर्मी का मतलब यू है, बस घर-घर में ही रह जाना

जाने कहाँ से आ गई, यह महामारी कोरोना 

जाने का कोई नाम नहीं है, बस जान जहान की हानि होना

सड़कों पर सन्नाटा पसरा, सारे दरवाजे बंद हुए 

इस महामारी के चलते, सारे मन गम में हुए 

गर्मियों का मजा लेने, चाहते बाहर जाना जन 

लेकिन डर है मन में, कुछ ना हो जाए अपने संग 

"जान है तो जहान हैं" यह बात सिद्ध हुई 

इस बात को जान लो, घर पर रह लो सभी 

जीवन रहा तो घूम आना, सारी गर्मियां यूं ही 

गाँव जाना, शहर आना घूम लेना यूँ ही 

आम खाना, गाँव जाना,

आइसक्रीम की चुसकियाँ सभी ठंडी चीज़ें,

खा ना जाना, यह तो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं

ध्यान रखो अपनों का, अपना भी ध्यान रखना सही 

बातें ही कर लेना सभी से तुम, मिलना अभी सही नहीं 

पहले ही गर्मी कुछ ऐसी, दोस्तो के साथ जैसी 

अब गर्मी है कुछ ऐसी, जैसे दूर के रिश्तेदार सी।



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