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Divyanshi Triguna

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Divyanshi Triguna

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श्री श्याम सुन्दर,,।

श्री श्याम सुन्दर,,।

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वृंदावन बिहारी लाल की जय,

    श्री गिरधर गोपाल की जय,

कृष्ण मुरारी नन्दलाल की जय, 

    श्री राधारमण लाल की जय,,।


श्री श्याम सुन्दर, मनमोहन वर

    मन के मुरारी, हदय के हृदयेश्वर

गोविन्द गिरधर, मन के मनोहर

    ठाकुर जी हैं, हरि योगेश्वर,,।


करुणामय तुम, कृष्ण मुरारी 

    कृपामय तुम, ओ गिरधारी

नारायण तुम, राधारमण तुम 

    तुम हीं मेरे बांके बिहारी,,। 


सुन्दर हों तुम मन के मुरारी,

    तन के तुम पीतांबर धारी,

मोर मुकुट और बनसी धारी

    तुम हीं प्यारे कृष्ण मुरारी,,।


मनमोहन प्यारे मेरे मधुसूदन, 

    सुन ली जो एक विनती भगवन,

तुमको दिल से चाहें ये मन,

   आरती गाएं हर पल ये तन,,।


तुम अन्तर्मन, हदय की धड़कन

    हरि नाम हीं, मेरा सारा जीवन

तुम हीं अपना लो मुझे भगवन, 

    चरणों से अपने लगा लो मोहन,,।


पार करो मुझे भवसागर से, 

    इतना मैं चाहूं गिरधर नागर से,

मधुसूदन से, मनमोहन से

    इतना मैं चाहूं राधारमण से,,।


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p>श्याम सुन्दर हों तुम मेरे, 

    सबकुछ सर्वेश्वर तुम मेरे,

तुम्हीं नाथ नारायण मेरे, 

    ये जीवन अब भरोसे तेरे,,।


तन मन धन प्राणों के स्वामी,

    तुम हीं मेरे हृदय के नामी,

श्याम सुन्दर नयन पथ गामी,

    दिल धड़कन जीवन के स्वामी,,।


गोविन्द भजले, गोपाल भजले

    भजले हरि का नाम भजले,

श्याम भजले, श्यामा भजले

    भजले नारायण नाम भजले,,।


राधारमण नाम कहो तुम,

    नारायण का ध्यान धरो तुम,

जीवन सुन्दर साज सा होगा,

    एक बार श्री कृष्ण नाम कहो तुम,,।


विश्वास भरोसा प्रेम करो तुम,

    श्री कृष्ण से मन की बात कहो तुम,

तुम्हारे मन की बस वो हीं सुनेंगे,

    भीड़ में भी तुमको ढूंढ लेंगे,,।


जिसके साथ श्याम नाथ,

    उसके कोई दुःख नहीं हाथ,

प्रेम के वश प्रभु रूक जाते है,

    देते हैं जीवन भर साथ,,। 


श्री श्याम सुन्दर, लागे मनोहर

    मन भजले हरि, हदय के हृदयेश्वर 

गोविन्द गिरधर, हैं जगदीश्वर 

    ठाकुर जी हैं, हरि योगेश्वर,,।



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