मन में नारायण और हरि नाम,,
मन में नारायण और हरि नाम,,
जय हो,, कृष्ण मुरारी की,
जय हो,, बांके बिहारी की,
जय हो,, श्याम बनवारी की,
जय हो,, मेरे गिरधारी की,,।
रामा श्यामा तुलसी के नाम,
मन में नारायण और हरि नाम,
नित दिन हर पल बस एक काम,
चरणों की सेवा मन हरि नाम,,।
सुबह सवेरे जल्दी उठकर,
मैं तो हरि का ध्यान करूँ,
शीतल जल से स्नान करकर,
आरती का शुभ गान करूँ,
सारी नजर भर नारायण देखूं,
मन में उनका ध्यान धरूँ,
दीपक धूप से थाल सजाऊं
उनकी महिमा का गान करूँ,
करूँ आरती मनमोहन की,
श्याम सुन्दर बखान करूँ,,।
नारायण हीं सत्य हैं नाम,
तन मन सबकुछ हैं हरि नाम,
रामा श्यामा तुलसी के नाम,
मन में नारायण और हरि नाम,,।
नारायण हर नर में विराजे,
इस जीवन में सब सुख साजे,
हर नर में नारायण विराजे,
सुन्दर मन पुलकित तन साजे,
सुन्दर पल हैं मेरे मन के,
जो मेरे सांवरिया संग के,
अद्भुत रूप हैं ये उनके,
सर्वोत्तम वर हैं वो मन के,
हदय से चाहूं प्रेम से रिझाऊं,
नारायण हरि ध्यान लगाऊं,,।
हरि चरणों की सेवा हों काम,
जीवन में सत्य बस एक नाम,
रामा श्यामा तुलसी के नाम,
मन में नारायण और हरि नाम,,।
जिसने जाना नारायण को,
जिसने माना राधारमण को,
उसका जीवन सुन्दर बन जाएं,
उसका ये मन पावन कहाएं,
मिश्री माखन भोग लगाएं,
प्रभु देखन मन यूं मुस्कुराए,
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जीवन सफल वहीं कहलाएं,
जिसमें श्याम सुन्दर समाएं,
प्रीति जीवन की मिल जाएं,
नारायण प्रेम नाम कहाए,,।
सत्यनारायण सुन्दर हैं नाम,
मेरे जीवन का यहीं धाम,
रामा श्यामा तुलसी के नाम,
मन में नारायण और हरि नाम,,।
सच्चा प्रेम भी जिसने किया हैं,
पाया हैं उसने सांवरिया हैं,
निश्छल मन से जिसने किया हैं,
पाया हैं उसने रंग रसिया हैं,
तन मन धन सब जिसने दिया हैं,
पाया उसी ने सांवरिया हैं,
चरणों में फूलों का अर्पण,
बस मन से हो सच्चा समर्पण,
अन्तिम सांस तक चलता रहेगा,
जीवन बाद भी प्रेम बहेगा,,।
विशवम अनंतम जिसका हैं नाम,
प्यारे मोहन हमारे श्याम,
रामा श्यामा तुलसी के नाम,
मन में नारायण और हरि नाम,,।
मेरी नज़रों में एक हीं धन,
वो हैं मेरे श्री राधारमण,
जिनको सबकुछ माना ये मन,
वो हैं मेरे श्री नारायण,
जिनका मधुबन ये जीवन,
वो हैं मेरे मधुसूदन,
मेरे जीवन का प्रेम रतन,
वो हैं मेरे मनमोहन,
श्री चरणों में किया समर्पण,
मैं जाऊं श्रीकृष्ण शरणं,,।
अन्तर्यामी जगत के श्याम,
सुन्दर स्वामी पुरूषोत्तम नाम,