तेरा ही नाम
तेरा ही नाम
सहारा आंचल का,
मिल जाता है,
तो,
चल लेता हूं,
तेरी,
आंखों से,
दुनिया का,
रूप देख लेता हूं,
सारे अक्षर,
तुझ में ही समाए हैं,
सीख लेता हूं,
अक्षर,
और,
सभी शब्द में,
उसी पल,
जिस दिन,
मैं,
तुझे पहली बार,
माँ,
बोल लेता हूं,
उंगली पकड़कर,
घूमता फिरता हूं,
जब डर जाता हूं,
दुनिया से तो,
खुद को,
तेरी गोदी में,
समेट लेता हूं,
तूने तो,
हर जख्म से,
बचाया मुझको,
पर अपनी नादानी में,
मैं,
तुझको ही,
जख्म दे देता हूं,
जब खाना खिलाया तूने,
तेरी उंगली को ही,
काट लेता था,
फिर झूठ मुठ रो कर,
तू दिखा देती थी,
और ,
पलक झपकते ही,
हंस जाती थी,
तो?
फिर,
मैं,
दौड़ कर,
रो कर,
तेरा आंचल पकड़ लेता हूं,
तू,
पहली पाठशाला,
तू पहली शिक्षिका मेरी,
जिंदगी का,
हर पहला अच्छा सबक,
तुझसे ही सीख लेता हूं,
तू हर मुकाम पर,
साथ है,
तो,
जिंदगी का हर सबक,
हर सबब सीख लेता हूं,
नहीं,
हारता,
कभी भी,
किसी मुसीबत से,
डरता नहीं,
अब,
हिम्मत से
मुसीबतों का सामना,
कर लेता हूं,
नहीं,
मुसीबतों का सामना,
करने से मैं डरता,
जब आती है,
कोई तकलीफ,
या,
कठिन परिस्थिति,
हर विषम परिस्थिति में,
बस आंख बंद कर,
तेरा ही नाम ले लेता हूं,
बस,
तेरा ही नाम,
ले लेता हूं।
