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Sheetal Raghav

Romance Tragedy Classics

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Sheetal Raghav

Romance Tragedy Classics

कत्ल!!!

कत्ल!!!

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जब कभी हो,

मेरी जान तुझे, 

मेरे कत्ल का इरादा, 


हाथों में अपने,

खंजर ना उठाना,

बस प्यार, 

किसी और से,

कर लेना,


मर जाएंगे,

जीते जी,

बस एक बार तू,

नजरे करम, 

किसी और पर,

कर लेना,


जीते जी मर जायेगे,

एक जिंदा लाश की तरह,

तू अपने हाथ,

मेरे कत्ल से

मत रगंना, 


बस एक झलक मुझे,

अपनी नजरों से गिरा

कर चले जाना, 

मर जाएंगे, 

सच में तेरे बिना, 


पर,

तू अपने हाथों में

कोई

खंजर ना उठा लेना


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