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Jhimli Parui

Romance

3  

Jhimli Parui

Romance

मोहब्ब्त अधूरी, पर कम नहीं !

मोहब्ब्त अधूरी, पर कम नहीं !

3 mins
275



आज वादियों में खुशबू अलग थीं,

फर्राटे से चल रही थीं एक रंगीन गाड़ी,

Highway की सड़कों पर मना रही थी जश्न,

प्रीति आज खुश थीं, वो प्रेम के थीं संग,

दोनों ने पहली बार, किया था साहस,

हाथों में हाथ था, और मोहब्बत का एहसास,

छुप के दुनिया से, बन्धनों के पार,

आशिकी के रथ पर थे सवार,

आज रौनक ही अलग थी दोनों के चेहरों पर,

बस चल पड़े थे एक दूसरे के विश्वास पर,

मौसम भी खुशनुमा,

दिलों में हैं, कहकशा,

आज शायद खुल कर इजहार हो,

आज शायद मोहब्बत की बौछार हो।


वो कॉलेज का पहला दिन,

आज भी याद है दोनों को,

वो एक दूसरे से corridor पे टकराना,

और sorry बोल कर चल देना,

शायद दोनों ने पीछे मुड़ कर,

एक नज़र देखा था ज़रूर,

वो time था जब first year वालों के लिए,

Sir और madam थे seniors, और सलामी ragging के लिए,

Follow करना और सिर झुकाना,

सजा मिलना पर खूब हंसना,

फायदे भी थे उस ragging ke,

Seniors से notes मिलना,

और एक दुसरे के करीब आ आना।


वो seniors की ragging ही थी,

जिसने प्रीति और प्रेम को मिलवाया,

शायद दोस्ती की शुरुवात थीं वो

और मस्ती मज़ाक में बढ़ते चले गए थे वो,

जाने अंजाने, एक दूसरे की फिर्क करने लगे थे

एक की पसंद दूसरे की पसंद बनने लगी थीं


साथ में lunch, canteen में चाय की treat,

आंखों की दास्तां, दोस्तों को भी करती थीं cheat,

भीड़ में आंखे, बात कर लेती थी,

छोटी सी मुस्कान, पीछे से आके, छू जाती थीं,

धीरे धीरे एहसास, गति में था,

पता नहीं, ऐसा कौनसा attraction था, जो speed पर था,

Cultural programs, labs, classes ki दौड़,

बढ़ने लगा था दोस्तों का group, मिलने जुलने का दौर,

आम सी लड़की, प्रीति, किसी का लिए खास बन गई थीं,

एक गोरा सा normal लड़का प्रेम, बन गया था handsome man,

दोस्तों के favourite, एक दूसरे के जानेमन,

एक थीं चुलबुली कली, तो दूसरा Spiderman।


College के साल गुजरने लगे,

अब दोस्त भी खास दोस्ती पहचानने लगे,

छेड़खानी और हंसी ठिठोली बढ़ने लगी,

पर दोनों ने अभी तक इज़हार नहीं किया था,

प्रीति को एहसास था, की कुछ तो अलग रिश्ता है

प्रेम को भी एहसास था, की प्रीति उसके लिए सबसे अलग है,

पर ना जाने कौनसा confusion था बीच में..


आज farewell था college का,

सब तैयार हो कर पहुंचे थे college,

Dance, music, मस्ती, धूम,

सब बिछड़ने का ग़म भुला रहे थे,

प्रेम ने हिम्मत करके प्रीति से पूछा -

"चलोगी एक ride पर?"

प्रीति को शायद ऐसे एक दिन का इंतज़ार था,

"हां चलूंगी"

प्रेम ने फिर से पूछा, "सिर्फ हम दोनों?"

प्रीति की मुस्कुराहट ने हामी दे दी।

प्रीति ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी,

हल्के makeup में कमाल की लग रही थी,

खास सी लड़की, शायद बहुत खास लग रही थी,

प्रेम भी रोज से अलग लग रहा था grey coat suit में,

उनकी गाड़ी मस्त वादियों में झूम रही थी,

दिल खिल रहे थे,.. धड़कने तेज थी,

प्रेम ने सड़क के किनारे गाड़ी रोक दी,

और प्रीति का हाथ थामा,

उसके हाथ एकदम ठंडे थे..

"तुम्हे ठंड लग रही है?"

"नहीं", प्रीति का गला सूख रहा था,

"तुम comfortable ho"

"हां", सबकुछ दोनों के लिए पहली बार था

"क्या में तुम्हे एक kiss कर सकता हूं?

प्रीति ने प्रेम की ओर देखा, 

प्रेम की गहरी आंखों में अलग सा भोलापन था

प्रीति की आंखें भी प्रेम पढ़ रहा था,

वो वक़्त कुछ रूहानी था,

शायद एक दूसरे को अपनाने का था,

तितलियां उड़ने लगीं थीं,

एक दूसरे की धड़कन सुनाई दे रही थी,

गर्म सांसों का एहसास हो रहा था,

एक जीवन भर का पल था,

एक life time memorable moment था,


प्रीति की मुलाकात आज प्रेम से हुई थी,

Mall में अचानक मिल गए थे दोनों,

10 साल के बाद आज प्रेम से मिली थी,

प्रीति अपने बच्चे के साथ toys shop में थी,

प्रेम अचानक से टकरा गया था, पहली मुलाकात की तरह,

पीछे मुड़कर दोनों एक दूसरे को देख रहे थे

प्रीती के मन में प्रश्न थे ढेरों

"क्यों तुमने अपने प्यार को आगे बढ़ने नहीं दिया?"

"ऐसी क्या कमी थी, ऐसी क्या गलती थी??"


कुछ प्रेम अधूरे रह जाते हैं,

पर प्यार में कमी नहीं होती है!

मोहब्बत अधूरी हो सकती है पर कम नहीं।




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