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Jhimli Parui

Comedy

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Jhimli Parui

Comedy

बात बन जायेगी !

बात बन जायेगी !

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कभी इधर से आई, तो कभी उधर से आई

एक आवाज़, जो ना जाने किधर से आई

क्या बात है?? कान में फुसफुसाई

प्रश्नचिन्ह के साथ मन में समाई


बस फिर, बातों से बात निकली,

और, इधर उधर की बात निकली


सही बात और ग़लत बात

नज़ाने किस किस की बात

इसकी बात और उसकी बात

तेरी बात और मेरी बात

खुले आसमान की बात

या बंद दरवाज़े की बात।


कहीं तो कानो में बात डली

तो कहीं बातों में रात ढली


कभी तो जनता की बात

तो कभी एग्ज़ॅम में नकल की बात

बनती बिगड़ती बात,

या, मिर्च मसाले वाली बात

हँसने हंसाने की बात 

या फ़ि

र, रुठ के मनाने वाली बात

कभी पढ़ोसी से, गॉसिप की बात

तो कभी कहानियों में छिपी दादी की बात।


वक़्त की बात

नोकझोक वाली बात

टेंशन की बात

घबराने वाली बात


समझने समझाने वाली बात

अनकही उनसुनी सी बात

मुद्दतों की बात,

आने वाले कल की बात


बात बिगड़े तो बदले हालात

बातों बातों में, बने सौगात

इशारों की बात

जज़्बातों की बात

मोहब्बत की बात

टकराव की बात


बातों में ही बसी है दुनिया

बिना बात के मौन हैं सइयां

पर सौ बात की एक बात तो है

बातों से ही बात बनेगी..

और बात निकलेगी..तो .. दूर तलक़ जाएगी।


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