प्यार का इजहार
प्यार का इजहार
उनसे मिली नजर जो,
दिल तड़प सा उठा,
मन बैचेन सा हो उठा,
मैं अपने होश में ना रहा,
कुछ दिनों में हुए हम पागल,
तब दोस्तो ने सम्हाला पड़ला,
मुझे दिया समझा की भाई,
तु कर दे इज़हारे मोहब्बत,
मुझको भी लगा मुझसा
हैंडसम,मिलेगा नही उसको,
नसीबवान है वो जो,
मुझ जैसे ने चाहा है उसे,
कुछ ऐसा चढ़ाया दोस्तों ने
मैने प्यार का इजहार कर दिया,
बड़ा बेदर्द निकला उसका बाप,
आज तक लंगड़ा के चल रहा हूं।