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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational

होली पर रंग भरी ठिठोली

होली पर रंग भरी ठिठोली

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आगे आगे होली पीछे रंगों की बारात 

पिचकारी यूं बोली मुझसे डरने की क्या बात 

छोड़ के सारे भेदभाव सब गले प्रेम से मिल लो 

एक दिन तो यारों फूलों के जैसे सब खिल लो 

गुंजिया के जैसे मीठा हो जीवन का ये सफर 

मस्ती हुल्लड़ में नहीं रहनी चाहिए कोई कसर 

उड़ै अबीर गुलाल घुल गई भंग फिजां में आज 

प्रेम के रंग में रंग गई दुनिया छोड़ के सारे काज 

रंगों के पर्व होली पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं



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