प्रिय साथियो कहानी,कविता उपन्यास लिखना मेरा शौक है। सामाजिक कुरूतियो पर व्यंग्य करना ,उनके विरुद्ध जागरूकता पैदा करना ही मेरा ध्येय है
दोस्ती,कितना कोमन वर्ड हो गया है। दोस्ती,कितना कोमन वर्ड हो गया है।
परन्तु एक मैसेज आता और फिर वही पहुंच जाते, उसी दलदल में। परन्तु एक मैसेज आता और फिर वही पहुंच जाते, उसी दलदल में।
अरे ! हम तो मिट ही चुके थे आज, गर सर पे मां का हाथ नहीं होता। अरे ! हम तो मिट ही चुके थे आज, गर सर पे मां का हाथ नहीं होता।
अब माफ भी कर दो यार, प्लीज कब्बू् कान पकड़ता हूं फिर कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा। अब माफ भी कर दो यार, प्लीज कब्बू् कान पकड़ता हूं फिर कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा।
यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा...... यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा......
रवि के मुंह से ऐसे वचन सुनकर सुधा ठगी सी खड़ी रह गई । रवि के मुंह से ऐसे वचन सुनकर सुधा ठगी सी खड़ी रह गई ।
छाजू राम को बार बर ठगे जाने का अफसोस हो रहा था छाजू राम को बार बर ठगे जाने का अफसोस हो रहा था
छाजू सोचने लगता जाएं तो जाएं मेरी बला से, आखिर इसमें मेरी पत्नी का क्या दोष छाजू सोचने लगता जाएं तो जाएं मेरी बला से, आखिर इसमें मेरी पत्नी का क्या दोष