Ajeet dalal

Romance Tragedy

4.7  

Ajeet dalal

Romance Tragedy

कब्बू भाग एक

कब्बू भाग एक

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आज मन बड़ा उदास था। मन का मन बहुत भारी हो रहा था। आज फिर उसे कब्बू की बहुत याद आ रही थी।रह - रह कर गुजरी जिंदगी के पन्ने पलटते जा रहे थे। वह भारी मन से अपने खेत में बने कमरे के बरामदे पर बैठ गया।

मन के पास सब कुछ था वह कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। बहुत प्यार करने वाली बीवी थी उसकी। दो सुंदर-सुंदर बच्चे थे। कहने को सब कुछ, सब तरह से साधन संपन्न था। उम्र भी 35 को पार कर चुकी थी परंतु पता नहीं क्यों ? उसके मन में एक कसक सी थी कि उसकी कोई ऐसी गर्लफ्रेंड बने जिससे वह अपने मन की बातें खुलकर कर सके। उसकी गोद में सर रखकर के सो जाए। उससे मनचाहा प्यार करें। एक अधूरा सा ख्वाब उसके अंतर्मन में हमेशा रहता था। मन ने धीरे से अपनी पीठ को कमरे की दीवार से टिका दिया और पैर फैला कर अपनी आंखें बंद कर ली। उसे कब्बू के साथ बिताए पल याद आने लगे। कैसे वह लड़की समय के साथ बदलती जा रही थी। वह रहस्यमय लड़की उसकी समझ में नहीं आ रही थी। 2 साल ही तो गुजरे थे उन बातों को, जब दिवाली के दिन उसके व्हाट्सएप पर हैप्पी दिवाली का मैसेज आया था। मन भी उस वक्त अपने मित्रों को शुभकामना संदेश भेज रहा था। तभी एक अनजाना मैसेज देख कर चौक गया। उस की डीपी पर एक लड़की का फोटो था जो उस लड़की ने तुरंत हटा दिया। इससे मन की जिज्ञासा और बढ़ गई। मन ने मैसेज किया " कौन?" तो वो इधर उधर की बातें बनाती रही, पर अपनी पहचान नहींं बता रही थी। धीरे - धीरे सस्पेंस बढता जा रहा था  मन के अचेतन मन में एक गर्लफ्रेंड का विचार कौंंधा

 कि क्या, यह वही लड़की है ?जिसका उसको सालो से इंतजार है।

 मैसेज का सिलसिला चलता रहा। मन बार-बार पहचान का दबाव बना रहा था और वह मन को घुमा रही थी परंतु उसके मैसेज से इतना तो मन को पता चल गया था कि वह लड़की उसके बारे में सब कुछ जानती थी।

 "मैं पता तो कर ही लूंगा "-मन ने मैसेज डाला।

 "अच्छा"

उसने कहा-" तो कर लो"

 "देख इतना तो मैं जानता हूं कि तुम मुझे अच्छी तरह से जानती हो पर हो कौन, बस इतना पता करना है"

" चल, एक वादा कर कि किसी को नहीं बताओगे तो मैं बता दूंगी"

 " हां ठीक है, वादा रहा।"

"कामिनी"

 कामिनी !

 कामिनी 3 साल पहले उसकी कंपनी में इंटरशिप के लिए आई थी। 6 माह की इंटरशिप उसने मन की कंपनी से ही पूरी की थी। मन ने उस समय भी उस पर डोरे डाले थे लेकिन वह अपनी मस्ती में ही मस्त रहती थी उसने मन में कोई रुचि नहीं दिखाई थी लेकिन आज, आज वही कामिनी मन को मैसेज डाल रही थी।

"अरे ,इतने साल बाद याद कैसे आई" मन नेे लिखा।

"बस यूं ही "

" दोस्ती करोगी मुझसे"

" पता नहीं "

"क्यों? "

"आपको करनी है?"

" हां"

" चलो देखते हैं"

 इसके बाद कब मैसेज से कॉल और कॉल से मुलाकात तक बात चली गई कुछ पता ही नहीं लगा।

 मन तो इतना खुश रहता था जैसे उसकी सारी मुराद कामिनी को पाकर पूरी हो गई हो।रात-रात भर चैट चलती रहती, दोनों में। गुड इवनिंग से शुरू होती गुड नाइट, मिडनाइट से होती हुई गुड मॉर्निंग भी हो जाती। रात- रात भर मैसेज चलते रहते थे। कामिनी एक छरहरे बदन वाली ,गोरे रंग की ,मोटी- मोटी आंखों वाली बहुत खूबसूरत लड़की थी।

उसका बेखौफ बोलने का अंदाज ,खिलखिला कर हंस ना।

लड़कपन वाली बातें करना, उसकी हाजिर जवाबी भरी बातें और बातों से झलकती सच्चाई।

 मन को अपना दीवाना बना रही थी। यूं तो मन शादीशुदा व्यक्ति था और उन दोनों की उम्र का फासला भी लगभग 14 साल का था।वह कुंवारी लड़की थी। अभी वह 21वेंं वर्ष को पार कर रही थी। लेकिन कहते हैं ना, प्यार अंधा होता है और उन दोनों मेें यह सही साबित हो रहा था। एक दिन मन के पास फोन आया कि" वह कानपुर जा रही है, पढ़ाई करने के लिए। क्या आप चलना चाहोगे? "

मन की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई और वह आनन-फानन में फटाफट तैयार होकर बस स्टैंड पहुंच गया वहां कामिनी जिसे मन प्यार से कब्बू कहता था इंतजार कर रही थी और उस बस में बैठकर वे दोनों प्यारी प्यारी बातें करते हुए कब कानपुर पहुंच गए सफर का पता ही नहीं लगा शाम हो चुकी थी मन ने होटल में कमरा बुक कर लिया था और दोनों रात भर उस कमरे में एक दूसरे से लिपट कर सोते रहे।

 कामनी उसके सीने पर सर रखकर के सो रही थी और मन अपनी किस्मत का लगातार शुक्रिया करता जा रहा था।

 सुबह मन ने कब्बू को कमरा दिलाया और शाम को घर के लिए वापस चल दिया।लेकिन मन के मन में कुछ सवाल उमड़ रहे थे जिनका जवाब आने वाला समय ही दे सकता था जैसे:- कब्बू ने शादीशुदा पुरुष से दोस्ती क्यों की?

 अपनी उम्र से 14 साल बड़ा आदमी ही पसंद क्यों आया?

 वह चाहती तो किसी से भी दोस्ती कर सकती थी, अपने हमउम्र से। फिर उसको मन की क्या जरूरत पड़ गई

और उससे भी ज्यादा कि वह 3 साल से कहां थी। एक मैसेज तक भी उसने नहीं किया और जब मन की कंपनी में इंटरशिप कर रही थी तब भी उसने मन की तरफ कोई रुचि नहीं दिखाई थी परंतु अब क्यों ?

यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा......


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