प्रिय साथियो कहानी,कविता उपन्यास लिखना मेरा शौक है। सामाजिक कुरूतियो पर व्यंग्य करना ,उनके विरुद्ध जागरूकता पैदा करना ही मेरा ध्येय है
ए जिन्दगी ,आज तू , फिर मुझे याद आ रही है। ए जिन्दगी ,आज तू , फिर मुझे याद आ रही है।
ए हवा ए हवा । जरा सी हवा चला।। ए हवा ए हवा । जरा सी हवा चला।।
तो लोग बोले, जमाने की हवा लग गई थी उसे तो लोग बोले, जमाने की हवा लग गई थी उसे
छोटी सी उम्र में ही, जिंदगी मिटा दी है।। छोटी सी उम्र में ही, जिंदगी मिटा दी है।।
जाने कैसा रंग छाया है। कोई इज्जत नहीं रही, राइटर, बैल, बारात की। जाने कैसा रंग छाया है। कोई इज्जत नहीं रही, राइटर, बैल, बारात की।
मैं छत से गिरकर मर जाऊंगा, वीर शहीदों में गिना जाऊंगा। मैं छत से गिरकर मर जाऊंगा, वीर शहीदों में गिना जाऊंगा।
गरीब भूखे मरते हैं, आतंकी ऐश करते हैं। जनता के पैसों पर नेता, अपनी जेबें भरते हैं। गरीब भूखे मरते हैं, आतंकी ऐश करते हैं। जनता के पैसों पर नेता, अपनी जे...
कुछ नहीं कर पाया मैं। अब देख ना, अपने लाल को, लोग अमर बनाने में लगे हैं। कुछ नहीं कर पाया मैं। अब देख ना, अपने लाल को, लोग अमर बनाने में लगे हैं।
मुलायम खा गया उत्तर प्रदेश, मैं क्या खाऊं? मध्य प्रदेश। मुलायम खा गया उत्तर प्रदेश, मैं क्या खाऊं? मध्य प्रदेश।
मेरी सांसे अटक गई, कि फूटेगा कोई पटाखा सा। मेरी सांसे अटक गई, कि फूटेगा कोई पटाखा सा।