अधूरा इश्क..
अधूरा इश्क..
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ए जिन्दगी ,आज तू ,
फिर मुझे याद आ रही है।
कैसे बताऊं तुझे आज
मुझे कितना सता रही है।
वो बे रहम जुदाई,
आज भी याद है मुझे,
तेरा हाथ हिलाकर,
बाय कर जाना मुझे
अचानक से यूं गायब हो जाना
मुझे बिलकुल तन्हा कर जाना
उस वक्त की वो भीगी पलकें
आज बहुत रुला रही है ।
आज भी रखे है वो खत
जो कभी लिखे थे तुझे
और तेरा दिया वो पुष्प
पागल बना रहा है मुझे
तेरा इतराना और इठलाना
हंसकर पास से निकल जाना
वादा था खुद आऊंगी चलके
आज वो यादें फिर आ रही है।