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Ajeet dalal

Abstract

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Ajeet dalal

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शहीद भगत की मां

शहीद भगत की मां

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कुदरत ने भगत तुमको,

क्या खूब सजा दी है।

छोटी सी उम्र में ही,

 जिंदगी मिटा दी है।


 आलम हैै गुलामी का,

 उस पर ये नजर कातिल।

 जेल में तुम हो तो,

बाहर खड़े संगदिल।

 

अपनी मां को तुमने,

क्या खूब सजा दी है।

भाग तेरे जैसा,

मिलता है कहां सबको।


तुझसे बेटे हो,

फरियाद करूं रब को।

तू जिए हजारों साल,

यही रब से दुआ की है।


चांद सितारों में,

तेरा नाम अमर होगा।

तेरी कुर्बानी पे,

यह देश के फिदा होगा।


तुझे देख लूँ.मैं इकबार,

यही दिल ने सदा दी है।

सांंसों में तुझे अपने, 

कुछ ऐसे बसा लूं मैं।


आंचल में मेरे आजा,

तुझे दूध पिला दूं मैं।

तेरी मां ने हरदम,

बस यही दुआ की है।

कुदरत ने भगत तुमको,

क्या खूब सजा दी है।


छोटी सी उम्र में ही,

जिंदगी मिटा दी है।।


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