सूनी गलियाँ
सूनी गलियाँ
आज बड़ी,
सूनी सूनी है
वो गलियाँ
जो कभी,
उनकी महक से
गुलजार रहा करती थी।।
हमने पूछा,
कहाँ गई वो
जो कभी,
हम पे मरा करती थी ।।
तो लोग बोले,
जमाने की हवा
लग गई थी उसे
किसी से बात
नहीं करती थी ।।
अरे साहब,
कहाँ दिल दे बैठे,
उसे फिक्र नहीं
जमाने की।।
100-100
फ़्रैन्ड है उसके
और लत गई,
सिर्फ पैसे
कमाने की ।।

