arpita rana

Romance

4.4  

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सच्चे प्यार का सफर

सच्चे प्यार का सफर

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किसने कहा सच्चे प्यार का सफर

सिन्दूर तक होता है,

पति तो सिर्फ सात जन्मों तक

हमसफ़र होता है !


मुझे नहीं पता

दुनिया के रस्मों रिवाज,

मुझे नहीं पता

प्यार का नामुकम्मल

होने का कोई राज़।


किसने कहा सच्चे प्यार का

सफर सिन्दूर तक होता है,

पती तो सिर्फ सात जन्मों तक

हमसफ़र होता है।


सुनी रह सकती है मांग,

ख़ाली रह सकते हैं हाथ

सौ जन्मों तक,

जैसे आज है कल होगा और होगा

क़यामत तक।


उसके झूलते संवारने को

मेरी उंगलियां नहीं होंगी,

छोटी छोटी तकरार और

मीठ- मीठी यादें नहीं होंगे,

बस इतना तो !


प्यार तो तब भी रहेगा जब

आइने के सामने खड़ी रहूँगी

उसके यादों के परछाई के साथ,

मुस्कुराऊँगी खुद में और

धड़कनों को रोकने के लिए

ठहर जायेंगे मेरे हाथ।


किसने कहा सच्चे प्यार का

सफर सिन्दूर तक होता है,

पति तो सिर्फ सात जन्मों

तक हमसफ़र होता है।


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