Shakuntla Agarwal

Romance

5.0  

Shakuntla Agarwal

Romance

आशिक़ी

आशिक़ी

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आगोश में आते ही,

गम कोसों दूर हुए ! 

तारें ज़मीं पर दिखने लगे,

हम ऐसे मदहोश हुए !


मदहोशी का यह आलम है,

बिन पिये नशे में चूर हुए !

ज़ुल्फ़ जो लहरायी,

वही घटा घनघोर हुई !


साकी, न जाम, न मयखाना,

शरबती आँखों से ही,

नशे में चूर हुए !

अधरों ने अधरों से,

जाम ऐसे पिए,

मय से कोसों दूर हुए !


बद थे, बदनाम थे ज़माने में,

क़िस्साये, आशिक़ी अब मशहूर हुए !

साँसों ने साँसों को छुआ ऐसे,

वो हमारे "दिले - नूर" हुए !


काफ़िर का तगमा,

लिए फ़िरते थे ज़माने में,

अब आशिक़ी के लिए ही सही,

"शकुन" मशहूर हुए !


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