STORYMIRROR

S Ram Verma

Romance

3  

S Ram Verma

Romance

ज़िद्दी और शैतान यादें !

ज़िद्दी और शैतान यादें !

1 min
400


जब भी याद मुझे तेरी आती है 

मेरी वफ़ा मुझ पर बड़ी मुस्कुराती है 

देख उसकी कटाक्ष भरी मुस्कान

दिल में मेरे बड़ा दर्द होता है    

फिर भी खुद पर फक्र होता है। 


 

कि मैंने इतने सालों तक उन्हें 

मोटी-मोटी ज़ंजीरों में जकड़े रखा है  

ताकि तुम चैन से जी सको वहाँ 

और रातों को सुकूँ से सो सको वहाँ। 


लेकिन सुनो कल रात से ही मेरी 

वो यादें बिन बताए फरार है

ख्याल रखना अपना क्योंकि जैसे 

तुम्हारी यादें मुझे रात रात सोने नहीं देती है। 

 

वैसे ही कहीं मेरी यादें भी तुम्हें ना करे बेचैन 

मेरी यादें कुछ ज्यादा ज़िद्दी और शैतान है 

पर अगर करे वो तुम्हे ज्यादा परेशान तो 

उनके सामने ही तुम एक आवाज़ देना मुझे। 


मैं फिर से पकड़कर उन्हें ला जकड़ूँगा 

उन्ही मोटी-मोटी ज़ंजीरों में यहाँ !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance