जान लेकर भी गर
जान लेकर भी गर
जान लेकर भी गर
जान सकता कोई,
जान जाती नहीं
जान बनकर कहीं,
जान जाए कोई
जान की अहमियत
जान से कोई अनजान
रहता नहीं,
जान ही जान है
जान ही प्यार है
जान से बढ़कर
ना कोई जान है
जान जाने से पहले
चाहे यही मन
मेरी जान से एक
मुलाकात हो
जान मेरी है वो
जान जायेगी वो
कभी जान का
दीदार तो हो।