मेरे विशुद्ध भावों की अभिव्यक्ति है मेरी कविताएं; या यूं कहूं की मेरे पुरूषत्व के अंदर कहीं छुपी स्त्री है मेरी कविताएं।
बारिश की बूंदें खुश्कता को ढुंढे करने को तरबतर। बारिश की बूंदें खुश्कता को ढुंढे करने को तरबतर।
बैठ जाती हो मेरी पलकों की मुंडेर पर और झाँकती हो मेरी आँखें में ! बैठ जाती हो मेरी पलकों की मुंडेर पर और झाँकती हो मेरी आँखें में !
जब तक तुम्हारी देह मेरी देह का नमक नहीं खा लेती ! जब तक तुम्हारी देह मेरी देह का नमक नहीं खा लेती !
मेरी मोहब्बत की कहानी कब से अधूरी है, मेरी मोहब्बत की कहानी कब से अधूरी है,
तुम मेरे प्रेम की पर्याय बनो तुम मेरी आयु की रेखा बनो ! तुम मेरे प्रेम की पर्याय बनो तुम मेरी आयु की रेखा बनो !
मेरी चाहत है बस चाहत है और चाहत पूरी हो ये भी तो जरुरी नहीं ना क्योंकि ये बस मेरी चा मेरी चाहत है बस चाहत है और चाहत पूरी हो ये भी तो जरुरी नहीं ना क्योंकि ...
हां एक मैं ही रहूं तुम्हारे पास सदा बनकर तुम्हारे टेडी बियर सा ! हां एक मैं ही रहूं तुम्हारे पास सदा बनकर तुम्हारे टेडी बियर सा !
एक प्रेम गीत सी एक सुरीली राग सी एक प्रेम गीत सी एक सुरीली राग सी
यानी कि ज़िन्दगी को ज़िन्दगी के लिए जीते हुए देखना ! यानी कि ज़िन्दगी को ज़िन्दगी के लिए जीते हुए देखना !
कोई तो है जो कुछ लगती तो नहीं मेरी किसी रिश्ते में ! कोई तो है जो कुछ लगती तो नहीं मेरी किसी रिश्ते में !