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S Ram Verma

Romance

4.0  

S Ram Verma

Romance

टीस

टीस

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रह रह कर एक 

टीस सी उठती है 

मेरे दिल में ;


कोई तो है जो 

कुछ लगती तो 

नहीं मेरी किसी 

रिश्ते में ;


फिर भी ना जाने 

क्यूँ चुपके-चुपके 

मेरे ही खातिर अश्क़ 

भरती है अपनी 

अँखियों में !


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