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S Ram Verma

Romance

4  

S Ram Verma

Romance

सुनहरा संसार

सुनहरा संसार

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ऐसा नहीं कि सिर्फ 

तुम्हे देखते रहने से 

बल्कि जब जब मैं 

अपनी आँखें बंद करता हूँ

तब भी तुम आकर 

बैठ जाती हो मेरी 

पलकों की मुंडेर पर 

और झाँकती हो 

मेरी आँखें में और 

बिखेर देती हो उनमें  

जाने कितनी ख्वाहिशें 

कितने सपने कितनी 

ही चाहते और जब मैं 

देखता हूँ तुम्हारी बड़ी 

बड़ी आँखों में तब मुझे 

यही बे रंग सा संसार  

कितना सुनहरा लगने 

लगता है !


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