बारिश
बारिश


बारिश की बूंदें
खुश्कता को ढुंढे
करने को तरबतर;
फिर बावरी होकर
जब जब वो गूंजे
टप टप टप टप;
खुश्कता फिर सारी
शर्म-ओ-हया को छोड़कर
अंर्त और बाहृय से भीगे।
बारिश की बूंदें
खुश्कता को ढुंढे
करने को तरबतर;
फिर बावरी होकर
जब जब वो गूंजे
टप टप टप टप;
खुश्कता फिर सारी
शर्म-ओ-हया को छोड़कर
अंर्त और बाहृय से भीगे।