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S Ram Verma

Abstract Romance

4.0  

S Ram Verma

Abstract Romance

प्रेम कविता।

प्रेम कविता।

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एक ख्वाब देखा है

एक आस संजोयी है,


कि ये ज़िन्दगी बस 

यूँ ही बसर होती रहे,


हु-ब-हु मेरी लिखी 

एक प्रेम कविता सी,


एक प्रेम गीत सी

एक सुरीली राग सी,

 

जो सदा तुम्हारे ही 

सुर में गाई जाती रहे !



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