STORYMIRROR

S Ram Verma

Abstract Romance

3  

S Ram Verma

Abstract Romance

प्रेम कविता।

प्रेम कविता।

1 min
270

एक ख्वाब देखा है

एक आस संजोयी है,


कि ये ज़िन्दगी बस 

यूँ ही बसर होती रहे,


हु-ब-हु मेरी लिखी 

एक प्रेम कविता सी,


एक प्रेम गीत सी

एक सुरीली राग सी,

 

जो सदा तुम्हारे ही 

सुर में गाई जाती रहे !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract