प्रेम कविता।
प्रेम कविता।
एक ख्वाब देखा है
एक आस संजोयी है,
कि ये ज़िन्दगी बस
यूँ ही बसर होती रहे,
हु-ब-हु मेरी लिखी
एक प्रेम कविता सी,
एक प्रेम गीत सी
एक सुरीली राग सी,
जो सदा तुम्हारे ही
सुर में गाई जाती रहे !
एक ख्वाब देखा है
एक आस संजोयी है,
कि ये ज़िन्दगी बस
यूँ ही बसर होती रहे,
हु-ब-हु मेरी लिखी
एक प्रेम कविता सी,
एक प्रेम गीत सी
एक सुरीली राग सी,
जो सदा तुम्हारे ही
सुर में गाई जाती रहे !