लिखी थी कुछ पंक्तियाँ लिखी थी कुछ पंक्तियाँ
प्रश्नों का दौर समस्याओं का शोर पढ़ी कविता प्रश्नों का दौर समस्याओं का शोर पढ़ी कविता
एक प्रेम गीत सी एक सुरीली राग सी एक प्रेम गीत सी एक सुरीली राग सी
मैं कोई लेखनी अगर होती। तेरी कलम से फिर लिखी जाती। मैं कोई लेखनी अगर होती। तेरी कलम से फिर लिखी जाती।
तनी देतु दर्शनवा मईया दया कइदा। बिदद्या के देवी माई देलु सबके ज्ञान हो तनी देतु दर्शनवा मईया दया कइदा। बिदद्या के देवी माई देलु सबके ज्ञान हो
मेरे लिखे शब्द तेरे अल्फाज बन जाए, तो वो कविता है मेरे लिखे शब्द तेरे अल्फाज बन जाए, तो वो कविता है