अनुराग हो या प्यार हो क्रोध हो या पश्चाताप हो दुःख भरी दास्ताँ का उद्गार हो हमें तो जांचना परख... अनुराग हो या प्यार हो क्रोध हो या पश्चाताप हो दुःख भरी दास्ताँ का उद्गार हो ...
मैला आँचल कर जाते हैं अब आसुंओं के संग बहते जाती हूं। मैला आँचल कर जाते हैं अब आसुंओं के संग बहते जाती हूं।
इंसान मात्र भूल का पात्र, बात बड़ी ये आम है, दिल में बसाना राम है, रावण का नहीं यहाँ काम है । इंसान मात्र भूल का पात्र, बात बड़ी ये आम है, दिल में बसाना राम है, रावण का नहीं ...
दिल को यूं परेशान न करो। दिल को यूं परेशान न करो।
जहां इंसानियत आती है जहां सच्चाई कदम चूमती है जहां इंसानियत आती है जहां सच्चाई कदम चूमती है
क्यों कर हम खुद पर ही बोलो नहीं नियंत्रण कर पाते? क्यों दूजे के हाथों में हम क्यों कर हम खुद पर ही बोलो नहीं नियंत्रण कर पाते? क्यों दूजे के हाथों में ...