नीले आकाश के नीचे
नीले आकाश के नीचे
इस नीले आकाश के नीचे
सब कुछ शून्य है!
जहाँ यौन इच्छाओं से भरी हम दोनों की देह
सुन सकती है,
एक दूसरे की पुकार,
तब जब,
मेरी उंगलियाँ,
तुम्हारे अलंकृत यौवन को स्पर्श करती है!
तो प्रेम का सानिध्य रूप उजागर होता है!

