Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

राजेश "बनारसी बाबू"

Romance

4  

राजेश "बनारसी बाबू"

Romance

भगवान कृष्ण जी की वियोग लीला

भगवान कृष्ण जी की वियोग लीला

3 mins
758


हे राधे ! क्या मुझे छोड़ने तुम नही आओगी

तुम अपने कान्हा को विदाई दे पाओगी

हे कान्हा तुम बहुत कठोर हो 

तुम माखन ही नही चित चोर भी हो

अपनी वंशी बजाते हो मुझे तड़पाते हो

प्रेम जाल में फंसा के अपने वियोग में मुझे रुलाते हो।

ऐसे ना खुद को तड़पाओ राधा 

मैं तेरा श्याम तू मेरी राधा 

तेरे बिन श्याम अधूरा है राधा

जब तुम जाओगे कल क्या मेरा हाल होगा

तेरे बिन कान्हा मेरा कैसे होगा गुजारा

तेरे बिन श्याम जीवित न रह पाएंगी तेरी राधा

गोकुल यमुना पनघट पुकारे तुझे कान्हा

आज गोकुल में जैसे विषम दुखद बेला आन पड़ी 

आज गोकुल में जैसे चीख रुदन की जैसे बाढ़ बढ़ी

गोपियों की रो रोके आंँख भर आई है जैसे लगता आज विरह की घड़ी अब छाई है।

यशोदा मैया यू अंँखियां भिगोना ना

बाबा संग अब अपना आपा खोना ना

मैया अब इजाजत दो अब मुझे जाना है।

नही मेरे लल्ला तेरे बिना मुश्किल रह पाना है

मैया तेरी ममता है अनमोल जिसका ना कछु ना कोई मोल

बचपन की यादें शरारत वाली बाते 

सखा सखी संग ठिठोली और माखन चुराने वाली बाते

कभी न भूलेंगी रोहिणी मांँ की बाते 

मैया आप ने कैसा हाल बनाया है

इन सुंदर नैनो में कैसे आज अश्रु मैंने पाया है

लल्ला अपने मैया को खुद से विमुख ना कर

अपनी मैया को खुद के प्रेम से वंचित ना कर

घर आंगन यमुना की तेरी याद सताएगी

बिन पुत्र तेरे वियोग में मैया जैसे मर ही जायेगी 

मैया तेरी अश्रु हमे कमजोर करते है

तेरे आज्ञा बिना हम ना कछु काज करते है।

नंद बाबा अब मैया को समझाओ ना

एक बार बाबा हल्का सा मुस्कुराओ ना

पुत्र अब मुझे वंशी की मधुर धुन सुनाएगा कौन

वृंदावन के जड़ चेतन को बहलाएगा कौन

तेरे बिना मैं नंद बाबा कैसे रह पाऊंगा 

तुम बिन लगता अब जैसे मैं शून्य ही हो जाऊंगा

अंतिम इच्छा पूरा कर जाओ लल्ला

मुझसे अंतिम बार गले लग जाओ लल्ला

आज मेरा मन बहुत भ्रमित है आप सब को देख बहुत द्रवित है।

माता हाथ जोड़ इजाजत मागंता हूंँ

मथुरा जाने की आग्रह करता हूंँ

आप जैसी माता है वैसे ही एक माता कारागार में आस लगाए बैठी है

मन में आशा का एक विश्वास जगाए बैठी है 

लल्ला देख मेरी क्या हालत हो आई है

तेरे बिन देख तेरी मैया जैसे मृत जैसी नजर आई है

मेरा लल्ला एक बार सीने से लगाले ना

एक बार लल्ला तू माखन खा ले ना

मैया तुम जो दोनो हाथ से अपना चेहरा छुपा कर रोती हो

जैसे लगता मेरे अंतर आत्मा को चीख रुदन से भिगोती हो

तुम्हारे स्नेह का जगह कोई ले नही सकता

तुम्हारी ममता का अनमोल जगह कोई ले नही सकता

पालन पोषण करने वाले का पद हमेशा ऊंचा होता है

जन्म देने के बाद भी कोई मां बाप ना आप की जगह ले सकता है 

ऐसे ना रोना सखा तुम्हारा स्नेह प्यार सदैव मन में रहेगा 

जब भी कोई संकट आए तो ये मित्र सदैव साथ रहेगा

मेरे गोकुल के सखा तुम मेरे बाल सखा हो

यादें तुम सब की आयेगी गोकुल की हर कहीं बात हमे याद आएंगी 

गोपी सखी सब ऐसे ना रोना मुझसे ये मुंह यूं ही ना मोड़ना

मैने तुम सब को बहुत तंग किया है

मैने माखन लूट चीर हरण भी किया है

नही कान्हा तुम यही रह जाओ

मेरी हाथ की बनी रोज माखन दही तुम खाओ

किंतु गोकुल छोड़ने की तुम बात यही भूल जाओ

ग्वाल सखी माता गैया सब सिसक रही

किसी की केश खुली तो किसी की वस्त्र खुली

किसी की सुध गई किसी की क्षुद्र गई

लल्ला एक बार तो अपने गाल तो चूमने दे

अपनी मैया से एक बार प्रेम दुलार तो करने दे

अब मैं चरण को छूता हूंँ मैया

आखिरी बार नमन करता हूँ मैया

गैय बछिया यूं ना आँसू ना बहाना 

कन्हैया की वंशी को मन में बसाना

आपका कान्हा सदैव आपके साथ है

आपकी भक्ति का रस सदैव मेरे पास है

अब रथ चलने की बारी आई है।

रास्ते में चहूं ओर गोपियां गोकुल की चीख रुदन ध्वनि सुनाई है

अब आप सब गोकुल वासी से विदा लेने के घड़ी आई है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance