विषम परिस्थिति आई है
विषम परिस्थिति आई है
विषम परिस्थिति आई है
नहीं कहीं सुनवाई है
अपनों से उम्मीद टूट रही
सब ने औकात दिखाई है
कलयुग में ना कोई भाई भाई है
किस्मत मुझसे रूठ गईं है
सब ने मुँह बिचकाई है
यह कैसी रुसवाई है
कौन है अपना कौन पराया
सब झूठा है मोह और माया
सब ने असली रूप दिखाया
रिश्तों ने क्या सबक सिखाया
मुश्किल पल में रंग दिखाया
परिस्थिति ने हमें समझाया
यहाँ ना कोई भाई भाई है
दोस्त भी जैसे कसाई है
अब रिश्तों की समझ आई है
बातें भी लगे हवा हवाई है
बहानो की फुलझड़ी दिखाई है
मुश्किल घड़ी आई है
कहां कोई सुनवाई है
अब कलयुग नाच नचाई है
नेत्रों में अश्रु दिखाई है
हाथ में निराशा ही आई है
अब यहाँ नहीं कोई अपना
यह बात हमें समझ आई है