जीवन का सत्य - शून्य से उत्पन्न हो मनुष्य शून्य की गोद में ही समा जाता है। जीवन का सत्य - शून्य से उत्पन्न हो मनुष्य शून्य की गोद में ही समा जाता है।
इतना प्यार में हूँ मैं तेरे हर सांस भी मेरी थम सी जाती है। इतना प्यार में हूँ मैं तेरे हर सांस भी मेरी थम सी जाती है।
विश्राम की इच्छा नहीं मैं ही मेरा विश्राम हूँ मैं ही मेरी दुविधा सही मैं ही मेरा समा विश्राम की इच्छा नहीं मैं ही मेरा विश्राम हूँ मैं ही मेरी दुविधा सही मै...
सुख होते हैं सौ गुना और दुख शून्य होते हैं। सुख होते हैं सौ गुना और दुख शून्य होते हैं।
अक्सर कर कुछ अजीब होता है साक्षात्कार होता है। जैसे समय पीछे हुआ हो पुराने गीतों का समा... अक्सर कर कुछ अजीब होता है साक्षात्कार होता है। जैसे समय पीछे हुआ हो ...
उस पार ---शून्य में देखता रहता था वह, एकटक सदा, शून्य में.....। उस पार ---शून्य में देखता रहता था वह, एकटक सदा, शून्य में.....।