STORYMIRROR

Shalinee Pankaj

Drama

3  

Shalinee Pankaj

Drama

बस तेरा साथ चाहिए

बस तेरा साथ चाहिए

1 min
173

चाहती हूँ साथ तेरा

कि एक और एक ग्यारह की तरह

संग रहो मेरे ऐसे

की महत्व मेरा बढ़ जाये


सुख में दुख में

जीवन के हर मोड़ पे

हाथ थाम लूँ तेरा

स्वार्थवश नहीं


प्यार में 

की जीवन की डगर

बड़ी मुश्किल है

चलना ,सम्हलना भी

तन्हा मुश्किल है


तू जो साथ

न रहूँ मैं कभी उदास

अंकों की तरह तू

शून्य से मेरा वजूद है


तू जो साथ

तो हर शब्द में वजन है

वजह भी तू जीने की

इतना प्यार में हूँ मैं तेरे

हर सांस भी मेरी थम सी जाती है।


दूरी पल भी की

मैं अधूरी हो जाती हूँ

बस न आगे न पीछे

मेरे बाजू यूँ रहना

एक और एक ग्यारह की तरह।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama