STORYMIRROR

Anita Sharma

Drama

3  

Anita Sharma

Drama

पैसा ये पैसा

पैसा ये पैसा

1 min
190

माथे की शिकन बड़ा देता है

अपनों को आपस में लड़ा देता है

बेईमान फितरत का है...ये पैसा

हाँ चने की झाड़ पर चढ़ा देता है


सनक में डूबा रहता है...मानुष

जिंदगी से ऊबा रहता है मानुष 

दिन-रात का चैन उड़ाता है पैसा

सगे रिश्तों में दूरी बढ़ा देता है


रईसी का रुआब क्षणिक है यारों

ये एक प्रत्यक्ष धोखा है मेरे प्यारो

नज़र पर नज़र चढ़ा देता है पैसा

हस्ती भी ख़ाक में मिला देता है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama