लम्हा यहाँ जो ठहरा है
लम्हा यहाँ जो ठहरा है
लम्हा यहां है ठहरा
कुछ मेरा तो है कुछ तेरा
इसमें जीने का हर पल ही है मजा
लम्हा यहां है ठहरा
तू मुझमे खोकर मैं तुझमे खोकर
खुद मे खुद को ढूंढने का
हमारा रिश्ता गहरा है
लम्हा यहां जो ठहरा है
मैं खोजू तुझको हर पल
तुझसे ही मैं बाते कर कर
राते बीती न तेरे बिना अब
मेरी रहो मे तू आजा मिलकर
मेरे निशानों पे जो ये पहरा है
लम्हा यहां जो ठहरा है।