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Deepti Tiwari

Abstract Drama Others

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Deepti Tiwari

Abstract Drama Others

बिन बुलाए मेहमान

बिन बुलाए मेहमान

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रिश्तेदारों का आना अजब है ,

ये बिन बुलाए मेहमान गज़ब है।

जब भी आते हाथों में लिए मिठाई बताशे 

घर में देख इनकी धूम गजब है ,

बिना बात के शोर मचाना, हो हल्ला कर अपनत्व का एहसास जगाना,

ये मेहमान अजब है।

रोज रोज नए पकवान बनते खाते मीठे खट्टे ठीक है यह मेहमान गजब है।

घर में कैसी धूम मची है बच्चे बूढ़े सभी खुशी हैं

घर में ऐसा माहौल बना है लगता जैसे कोई त्यौहार लगा है,

होली हो या हो दीवाली मेहमानों का आना जाना लगे जैसे है सही दीवाली

सही लगेंगे जैसे होली गजब गजब के पकवान है

कहीं चलते रसगुल्ले हैं कभी चलते पकोड़े सीने में देखो कैसी डूबी है रसगुल्ले हैं

मां ने छह छौंका लगाया महक उठा सारा घर है,

जाने को हुए तैयार आज मेहमान फिर से न जाने फिर कब आएंगे

रहता है इंतजार हमेशा कभी यह त्यौहार आएंगे


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