Happy Children's day
Happy Children's day
काश कि मैं फिर से बच्चा बन जाऊं,
करूं मै ज़िद खेल खिलौनों की ,
या बस फिर यूं ही मुस्कुराऊं,
रोज शाम दोस्तों संग धूम मचाना,
पाठशाला के वो दिन भी क्या क्या खूब दिन थे,
इमली, अमरूद, चटनी, चूरन की याद सताए।
मां के दिए टिफिन का चटकार भी क्या खूब था,
गलती करने पर मां की डांट के बाद दुलार भी खूब था,
दोस्तों सब है पर वो पुराना वाला दिन नहीं था,
झुंड में खेलना शोर मचाना,
लाइट चले जाने पर गली में खेलना और लाइट आने पर मोहल्ले के बच्चों का शोर करना,
खुल कर जी लो इस दिन को,
इस दिन जैसा कोई ओर समय न होगा,
क्यों कि फिर अपनों से मिलने का तुम्हारे पास समय नहीं होगा
सब आता है लौट कर नहीं आता है तो बचपन के वो सुहाने दिन नहीं आते,
इसीलिए कहती हूं रखना इस बात का ध्यान,
छूकर अपने गुरुजनों के पैर तुम भी आगे निकल जाओ ,
जीवन में सब कुछ हो पास तुम्हारे और ये जीवन बगिया महकाओ,