पिता
पिता
पिता धूप में बरगद की छांव है,
पिता बाढ़ में किनारे लाने वाली नाव है,
पिता हर बच्चें का मान है,
पिता है तो जीवन में सम्मान है।
पिता किसी मजबूत पेड़ की जड़,
और परिवार नाजुक डाल है,
पिता है तो मां की मुस्कान है,
पिता है तो हर बच्चें में अनुशासन और संस्कार है,
पिता है तो गणित के कठिन सवाल का भी आसान जवाब है,
पिता है तो दिवाली और जन्मदिन में उपहार है,
पिता है तो थाली में छप्पन पकवान है,
पिता है तो उसकी डांट में छुपा स्नेह और प्यार है,
पिता है तो परिवार में जान है।।
