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Deepti Tiwari

Abstract Drama Fantasy

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Deepti Tiwari

Abstract Drama Fantasy

भुल्लकड़ पति

भुल्लकड़ पति

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                 भुल्लकड़ पति आज फिर बेगानों से खड़े यूं क्यू देख रहे हो, हाय मुझे पता ही था , ये क्या लेकर आये हो, हाय ये कैसा पति मुझे मिला है , कहती हु कुछ और कुछ और ही ये किये रहता हैं, कही पति बदलता हो तो मै तुम्हे बदल आऊ, तुम्हारी वारेंटी दस सालों में ख़तम सी लगती है, क्या करू मै तुम्हारा अब तुम्ही बताओं. .....                                          पति गुस्साया बोला मै कुछ भी करू तुम्हे पसंद नही आता ,                                          पत्नी बोली बाजार से तुम क्या ले आये ,        पति बड़े ताव से बोला पुदीना ,                  पत्नी गुस्से से लाल होकर बोली तुम्हारे भूलने की बीमारी एक दिन मुझे बीमार कर देगी धनिया मंगाया था पालक लिए खड़े हो और कहते हो तुम्हे मुझमें बुराइयाँ ही नजर आती है, कभी प्रेम से देखो तुम्हे मुझसे प्रेम चोपडा भी नजर आएगा ,                                      पत्नी बोली वो हीरो नही विलन है , तुम्हारे साथ मै नही रह पाऊंगी                            पति से रहा नही गया बड़े रोमांटिक भाव में आकर बोले "मेरी जान मै तुम्हारे बिना जी नही पाऊंगा आखिर तुम मेरे जीवन की ललिता पावार हो मै तुम्हारा पावर , कुछ देर  बाद सारी बात  बात भूल गया,                                 पत्नी ने कहा एक किलो नमक ले आओ , पति महाशय दोपहर के निकले है शाम् हो गई अभी तक नही आये ,                            पत्नी ढूंढतें हुए सड़क पर ढूढ़ने लगी ,      थोड़ी देर में पति देव मिले बोले "आज जो मैने काम किया है तुम सुनकर खुश हो जाओगी", पत्नी बड़े आश्चर्य से बोली क्या हुआ   ,     तुमने नमकीन मंगवाया था मै इंदौर से नमकीन ले आया हु थोड़ा थक गया हु चाय और नमकीन ले आओ, पत्नी सिर पर हाथ रख कर बोली तुम्हारा मेरे बिन क्या होगा।।            


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