वो बरगद का पेड़, वो अपना गांव कितने रिश्तों का साक्षी वो बरगद की छाँव। वो बरगद का पेड़, वो अपना गांव कितने रिश्तों का साक्षी वो बरगद की छाँव।
आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्यारे , तो आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्य...
मैं गाँव जाता अब जब कभी मैं गाँव जाता अब जब कभी
बरगद की छांव का होना बरगद की छांव का होना
बरगद और पिता की कहानी बरगद और पिता की कहानी
हर जीवन में बने हम बरगद सा हर जीवन में बने हम बरगद सा