बस माँ की आशीष-पाल से, चलती है जीवन नौका। बस माँ की आशीष-पाल से, चलती है जीवन नौका।
आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्यारे , तो आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्य...
ये सभ्यता का चोला उतार कर बरगद सी लम्बी जड़ें फैलाऊं ये सभ्यता का चोला उतार कर बरगद सी लम्बी जड़ें फैलाऊं
सत्य की धरातल पर खड़ा मेरा काम और विचार सात- सात दरवाजे के अंदर रोकने पर भी सत्य की धरातल पर खड़ा मेरा काम और विचार सात- सात दरवाजे के अंदर रोकने...
तेरे ख्यालों से ही होकर गुजरते हैं, ये रास्ते.......। तेरे ख्यालों से ही होकर गुजरते हैं, ये रास्ते.......।
हार गया और अपनों के हाथ वो बिक गया। हार गया और अपनों के हाथ वो बिक गया।