"बरगद की छांव"
"बरगद की छांव"
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उनका प्यार घना होता बरगद सा,
जड़े मज़बूत बाहों के झूले-सा,
उम्र होते करें नजरअंदाज उनको,
जीवन में साया बरगद की छांव सा।।
वर्षों बरस देते हुए निस्वार्थ,
उनके कर्मों से सीखे परमार्थ,
हर जीवन में बने हम बरगद सा,
हो यही परमसुख सांसों का अर्थ।।