प्यार है
प्यार है
जब कोई अनजाना चेहरा लगे अपना सा,
उसकी पहली नज़र जब मिले,
लगे अपनी नज़र सी,
एक झलक पाने के लिए,
गुज़र जाए हर हद से।
दिल में उठे मीठी-मीठी टीस सी,
रात दिन मिलने की होती
बेचैनी होने की रीत सी,
उसकी हर बात लगे अपनी सी,
उसकी खुशी ही लगे जीवन की जीत सी।
होती जब बेचैनी यहां,
कुछ असर होता प्यार का वहां,
तब दोनों होते किसी और जहां,
जब प्रेम से बढ़कर कुछ और
ना हो इस जहां में।
क्या यही प्यार है ?
मीठी सी कसक है,
कुछ कसमें हैं,
दो दिलों कि कुछ रस्में हैं।
हां हां शायद यही प्यार है,
जिसकी कोई भाषा नहीं है,
अदृश्य अनमोल एहसास है,
जीवन के सुखद पलों का भंडार है।
हां यही प्यार है हां यही प्यार है।