वसुधैव कुटुंबकम
वसुधैव कुटुंबकम
वसुधैव कुटुंबकम की रीत है हमने अपनाई,
जीवन जीने की सीख सबको हमने सिखलाई।।
भारत में हो स्वच्छता जन-जन में चलाई,
जात-पात रंग भेद को मिटाकर प्रेम की
भाषा सबको बतलाई।।
बार-बार जब प्रेम से समझ ना आई,
जब कोई आँख दिखाए आँख निकालने की
रीत हमने अब चलाई।।
बरसों जो केस फाइलों में दबे थे,
फैसला कर पुरानी धूल हमने हटाई।।
मोदी के सानिध्य में भारत का,
विदेशों में भी तिरंगा लहरा आई।।
