यह पोटली
यह पोटली
बड़े जतनो से संभाली,
रिश्तो की पोटली,
जोरदार आंधी में बिखरी,
बरसों से गांठ लगी यह पोटली।
हाए-रे आधुनिक जमाने,
कैसे खोखले होते जा रहे सारे,
गाते जा रहे सब दिखावटी गाने,
झूठ के पहने है सब दुसाले।
पत्थर के महल में रहते-रहते,
हुए दिल भी पथरीले,
अपनों के भेष में पहने,
मुखोटे सजीले।