Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nitu Mathur

Romance

4  

Nitu Mathur

Romance

हां, करीब आने को है

हां, करीब आने को है

1 min
397


मौसम जो करवट बदलने को बेताब है

तेरी तारीफ़ के पन्नों से यूं भरी किताब है

नजारे गुनगुना रहे हैं गीत तेरे अंदाज के

ये वक्त रुका सा बस..  

तुझे नर्म आगोश में लेने को है..

बात वहीं रुक जाए या सांस थम जाए

अब तू बस मेरे और करीब आने को है


ना लगे नज़र इस लम्हे को ना बात अधूरी रहे

आंखों के काजल का टीका जब गालों पे सजे

होंठ हिलें धीमे से जब नाम मेरा दिल से निकले

 समझ लूंगा ये नर्म इशारे जब याद तू मुझे करें


मिलेंगी नर्म सांसे जब बादल भी धुंधला जायेंगे

बहती दरिया उड़ते पंछी के नील नजारे थम जाएंगे

जहां ठहर जाएगा बरबस रुक जाएगी लहर पे कश्ती

लेकिन कयामत तक रहेगी जिंदा तेरी मेरी जवां हस्ती


वक्त रुका सा बस..  

तुझे नर्म आगोश में लेने को है..

बात वहीं रुक जाए या सांस थम जाए

अब तू बस मेरे और करीब आने को है

हां करीब आने को है.... आने को है।


           


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance