पुराने वाले दोस्त बन जायें
पुराने वाले दोस्त बन जायें
धुंध का वातावरण
सूने सूने नयन निहारते
इंतजार रहता
ओस में भीगी इक सुबह का
जो मुझे तुमसे
कुछ पल के लिये चुरा ले
तुम आओ तो
बागानों वाली
ताज़ी पीसी हुई कॉफ़ी बनाऊं
हाथ में भाप का प्यार
लेकर नंगे पांव ही दौड़ जाऊं
जिसकी खुशबू नशे की तरह
हमारी बातों में घुल जाए
मेज पर पड़े
अखबारों के चर्चे भूल कर
हमारी अनबन पीछे छोड़ कर
अनुभव और जिम्मेदारियों से बाहर निकल
तुम्हारे साथ के सिर्फ मीठे मीठे पल
जीवंत हो जायें
नैनों से संतृप्त नीर
भी न छलक पायें
सुंदर सूर्योदय की हल्की धूप में
फिर से ताज़े खिले गुलाबों की सुंगध से
पति पत्नी से हम वही पुराने वाले दोस्त बन जायें
दफ्तर और घर के दस्तावेजों को समेट
अलमारी में बंद कर
पुराने खत और प्रेम के पन्नों को ताजा कर जायें
डायरी में संजोये एहसासों से
एक दूजे को गुदगुदाये
चलो नैनों की भूल भूलैया में
खोये उम्र को फिर वापिस ले आयें
इक किताब अपनी और तुम्हारी
फुरसत के लम्हों में लिख जायें।