मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझसे प्यार किया था
पता नहीं कुछ तुमको भी
ख्वाब में दिल दे दिया था
मैं देखता था तसवीर रोज़
तुमको अपना कह दिया था
मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझको चाहा था।।
मैं रोज़ उठकर साए से
तेरी गली में गुजरता था
फ़र्द थे यूँ हम मुसाफ़िर
इश्क में आह भरता था।
मैं ले लिए थे आहट तेरी
तेरे दिल में यूँ मचलता था
क्या जानें तू मुझको भी
ये तो तुझपे मरता था।
मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझको चाहा था।।
नहीं पता तुझे भी अब
कितना बेचैन मैं रहता था
ग़ैर की सूरत जब देखता
उसको मैं पकड़ता था।
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मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझको चाहा था।।
मैं कितना था वहशत यूँ
तेरे प्यार में जुनूँ भरता था
पाने की ललक थी मुझमें
कभी हँसता कभी रोता था
थी मुझमें तू समाई हुईं
मैं तुझे हर रोज ढूँढता था
ख्याल था वो मिलेगी मुझसे
मैं चुपके से यूँ शरमाता था।
मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझको चाहा था।।
अब क्या बताए दिल मेरा
रब से दुआएँ माँगता था
चाहा था रहे पास वो भी
तेरी याद में फिसलता था
मैंने तुझसे प्यार किया था
मैंने तुझको चाहा था।।।