बरसात
बरसात
खुली है खिड़की
चुप है धड़कन
ओ पिया मेरे, कब आओगे
ये रिमझिम बरसातों में
मेरे ऐसे हालातों में
बदन मेरा भीगा -भीगा
है दिल मेरा जागा - जागा
पानी है उफान लबों पर
टपकता हर एहसास पर
भीगा है मन मेरा
बढ़ती है उलझन मेरी
देखती हूँ रास्ता देर तक
बंद होती नहीं बरसात
हर बार की तरह है,
तेरी याद...
बेगानी है हवाएँ
थोड़ी थोड़ी अजमाएँ
पल में बारिश कर जाए
पल में मौसम बदल जाए
